राहुल भाकर कांग्रेस समर्पित छात्र-संगठन एनएसयूआई (NSUI) के राष्ट्रीय संयोजक हैं। राहुल भाकर राजस्थान यूनिवर्सिटी के सक्रिय छात्र-नेता हैं, उन्होंने साल 2017 में राजस्थान यूनिवर्सिटी से छात्रसंघ अध्यक्ष का चुनाव भी लड़ा था। आज हम राहुल भाकर का जीवन परिचय (Biography of Rahul Bhakar) बताने जा रहे हैं। राहुल भाकर की राजनीति में आने की कहानी काफी दिलचस्प हैं। एक लड़का जिसका दूर-दूर तक राजनीति से कोई वास्ता नहीं था, लेकिन वो राजनीति में कैसे आया, आज हम इस लेख में वहीं जानेंगें।
राहुल भाकर का जन्म 22 अक्टूबर 1993 को राजस्थान के नागौर जिले की डीडवाना तहसील के एक छोटे से गांव खारिया में हुआ था। राहुल भाकर के पिता का नाम सांवरमल भाकर हैं, जो इंडियन एयरफोर्स से रिटायर्ड हैं और वर्तमान में स्कूल हेडमास्टर हैं। उनकी माता का नाम शांता भाकर हैं, जो एक ग्रहणी हैं। उनके एक बहन भी हैं, जिसका नाम रैना भाकर हैं। राहुल भाकर एक किसान पृष्टभूमि वाले परिवार से आते हैं।
राहुल भाकर की प्रारंभिक शिक्षा सीकर जिले की शेखावाटी स्कूल लोसल में हुई थी। 8 वीं के बाद 2 साल राहुल भाकर ने बीकानेर शहर में भी पढ़ाई की थी, लेकिन फिर 11 वीं और 12 वीं की पढ़ाई शेखावाटी स्कूल लोसल से की थी। राहुल भाकर बचपन से ही अपने पिता की तरह काफी होनहार थे। पिता सांवरमल भाकर अपने बेटे को बड़े अफसर के रूप में देखना चाहते थे, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
साल 2008 में 12 वीं की पढ़ाई करने के बाद राहुल भाकर ने राजधानी जयपुर की महाराजा कॉलेज में दाखिला लिया और इस कॉलेज से बीएससी (B.sc) की पढ़ाई शुरू की, लेकिन एक साल बाद राहुल भाकर ने राजस्थान के इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग एंट्रेंस टेस्ट RPET क्लीयर कर लिया और B.sc की पढ़ाई छोड़ जयपुर की वीआईटी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करना शुरू कर दिया। भाकर ने साल 2014 तक 4 साल B.Tech की पढ़ाई पूरी कर ली, उसके बाद राहुल भाकर ने गुड़गांव में एक सॉफ्टवेयर कम्पनी में जॉब करना शुरू कर दिया।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम करते हुए राहुल भाकर ने अभी अपनी शैक्षणिक योग्यता को आगे बढ़ाते हुए MBA करने का मन बनाया। इसलिए राहुल भाकर ने साल 2015 में अपनी जॉब छोड़ जयपुर की पोद्दार कॉलेज में MBA में एडमिशन लिया, इसी सिलसिले में राहुल भाकर को राजस्थान यूनिवर्सिटी में किसी काम के लिए जाना पड़ा। पहले ही दिन जब उनका पैर राजस्थान यूनिवर्सिटी में पड़ा, उसी दिन के कारण राहुल भाकर राजनीति में आ गए। यह दिन राहुल भाकर के लिए एक गेमचेंजर दिन था, जिसने एक इंजीनियर लड़के को छात्र नेता बना दिया।
दरअसल यूनिवर्सिटी में राहुल भाकर अपने रिश्तेदार भाई, जिसको यूनिवर्सिटी से माइग्रेशन सर्टीफिकेट लेना था, के साथ यूनिवर्सिटी में एडमिन ब्लॉक में पहुंचे। एडमिन ब्लॉक में राहुल भाकर ने देखा कि माइग्रेशन सर्टिफिकेट के लिए काफी लड़के खड़े हैं और वहां उन्हें पता लगा कि जो लड़का 200 रुपये रिश्वत दे रहा हैं, सिर्फ उसी को माइग्रेशन सर्टीफिकेट दिया जा रहा हैं, बाकी छात्रों को यूनिवर्सिटी स्टाफ माइग्रेशन सर्टिफिकेट नहीं दे रहा था। राहुल भाकर यह स्थिति देख वहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन से इस भ्रष्टाचार के खिलाफ भीड़ गए, लेकिन प्रशासन ने उल्टा पुलिस को बुलवाकर राहुल भाकर को यूनिवर्सिटी से सीधा थाने पहुंचा दिया।
राहुल भाकर ने पुलिसकर्मियों को इस भ्रष्टाचार के बारे में काफी बताया, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी और यूनिवर्सिटी के कहने पर सीधा थाने ले गए, हालांकि राहुल भाकर को फिर चेतावनी देकर छोड़ दिया गया, लेकिन इस घटना ने राहुल भाकर को अंदर से काफी झकझोर कर दिया। राहुल भाकर मन ही मन यह सोचकर परेशान हो रहे थे कि ग्रामीण परिवेश से आने वाले छात्र-छात्राएं यूनिवर्सिटी में अपना काम कैसे करवाते होंगें, क्योंकि उनके पास इतनी रिश्वत भी नहीं होती थी।
राहुल भाकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब छोड़ MBA करने आए थे, लेकिन इस घटना के कारण उनका मन MBA में नहीं लगा और हर दिन यही सोचते रहे कि आखिर मैं कैसे ग्रामीण परिवेश से आने वाले छात्रों की यूनिवर्सिटी में मदद कर सकूं। राहुल भाकर पोद्दार कॉलेज की जगह अब यूनिवर्सिटी में आने लग गए और उन्होंने यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की समस्याओं को करीब से जानना शुरू कर दिया। फिर साल 2016 में राहुल भाकर राजस्थान यूनिवर्सिटी की लॉ कॉलेज में ही LLB करने के लिए ही एडमिशन ले लिया।
राहुल भाकर ने पहले B.sc छोड़ी, फिर सॉफ्टवेयर इंजीनियर की जॉब और MBA भी छोड़ दिया और लॉ कॉलेज में वकालत की पढ़ाई शुरू कर दी, लेकिन राहुल भाकर वकालत कम और आंदोलन ज्यादा करने लग गए और वो यूनिवर्सिटी में हर छोटी से छोटी समस्या के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन से भिड़ जाते। राहुल भाकर ने NSUI पार्टी के बैनर तले कई आंदोलनों में भाग लिया। धीरे-धीरे राहुल भाकर यूनिवर्सिटी के एल दमदार लड़ाकू छात्रनेता बन गए थे। राहुल भाकर ने मन बना लिया था कि यूनिवर्सिटी अध्यक्ष बनकर छात्र-छात्राओं की हर छोटी से छोटी समस्या का निदान करवाऊंगा।
साल 2015 से लेकर साल 2017 तक राहुल भाकर ने कई आंदोलन किए और लगभग हर आंदोलन में यूनिवर्सिटी को उनकी मांगें माननी ही पड़ी। साल 2017 की शुरुआत में ही राहुल भाकर छात्रसंघ चुनाव को लेकर तैयारी शुरू करने लग गए, उनके पास यह चुनाव लड़ने का आख़िरी साल था, क्योंकि उसके बाद उनकी आयुसीमा छात्रसंघ चुनाव के लिए निर्धारित सीमा से ज्यादा हो जाती, ऐसे में राहुल भाकर ने पूरा मन बना लिया कि साल 2017 में चुनाव लड़ना हैं और छात्र-छात्राओं की सभी छोटी से छोटी समस्याओं का निदान करवाना हैं।
जब छात्रसंघ चुनाव आए तो राहुल भाकर ने अपने छात्रसंगठन NSUI से अध्यक्ष पद की दावेदारी पेश की, लेकिन NSUI ने उन्हें अध्यक्ष पद कक टिकट नहीं देकर महासचिव पद की टिकट ऑफर की, लेकिन राहुल भाकर को लगा कि जो काम मैं अध्यक्ष रहकर कर सकता हूँ, वो काम मैं महासचिव रहकर कभी नहीं कर सकता, इसलिए राहुल भाकर ने NSUI का वो ऑफर भी ठुकरा दिया और राहुल भाकर निर्दलीय ही मैदान में कूद पड़े, हालांकि इस चुनाव में राहुल भाकर हार गए और इस चुनाव में वो तीसरे नम्बर पर रहे।
चुनाव हारने के बाद भी राहुल भाकर उसी ऊर्जा के साथ कॉलेज में फिर से सक्रिय हो गए, इसे देख राहुल भाकर को तत्कालीन NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिरोज खान ने दिल्ली बुलाया, क्योंकि NSUI राहुल भाकर की कार्यशैली से काफी प्रभावित थी, राहुल भाकर को वापस NSUI की सदस्यता दिलाई गई और राजस्थान NSUI प्रदेश महासचिव मनोनीत किया। राहुल भाकर ने महासचिव बनने के बाद यूनिवर्सिटी में आंदोलनों के अलावा संगठन के काम काज में भी खुद को जोड़ना शुरू किया।
राहुल भाकर ने साल 2019 में राजस्थान यूनिवर्सिटी से LLB की पढ़ाई पूरी कर ली, लेकिन राहुल भाकर ने आज भी यूनिवर्सिटी में एक सक्रिय छात्रनेता हैं। साल 2019 में राहुल भाकर को NSUI ने राष्ट्रीय संयोजक की जिम्मेदारी दी और जोधपुर जिले का प्रभारी भी नियुक्त किया गया। कोरोना-काल मे भी राहुल भाकर ने संगठन के साथ मिलकर कई सेवा-कार्य किए। राहुल भाकर का कहना हैं कि आज भी मैं हमेशा उसी कोशिश में रहता हूँ कि कैसे मैं ग्रामीण परिवेश से आने वाले छात्र-छात्राओं की मदद कर सकूं, क्योंकि मुझे इसी में सकूं मिलता हैं। राहुल भाकर के बारे में अन्य जानकारी हम नीचे दे रहे हैं-
Personal Details | |
Name | Rahul Bhakar |
Nick Name | RB |
Date of Birth | 22 October 1993 |
Age | 28 |
Religion | Hindu |
Cast | Jat |
Education Degree | B.Tech, LLB |
School Name | Shekhawati School Losal |
College Name | Rajasthan University, Jaipur |
Profession | Politician |
Present Post | National Cordinator, NSUI |
Political Party | Congress, NSUI |
Birth Place | Khariya, Didwana, Nagaur |
Address | Vaishali Nagar, Jaipur |
Marital Status | Unmarried |
Physical Appearance | |
Gender | Male |
Height | 5'11 Ft |
Weight | 84Kg |
Hair Colour | Black |
Eye Colour | Black |
Family Details | |
Father | Sanwar Mal Bhakar |
Mother | Shanta Bhakar |
Sister | Raina Bhakar |
Brother | N/A |
Spouse | N/A |
Children | N/A |
Personal Intrest | |
Hobby | Cricket, Traveling |
Favorite Actor | Jason Statham |
Favorite Actress | Deepika Padukone |
Favorite Singer | Arijit Singh |
Favorite Cricketer | N/A |
Favorite Colour | N/A |
Favorite Car | N/A |
Favorite Bike | N/A |
Financial Details | |
Bussiness | N/A |
Income | N/A |
Net Worth | N/A |
Car | N/A |
Bike | N/A |
Other | N/A |
Social Media Details | |
Facebook Follower | 7500 |
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Twitter Follower | 700 |
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